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सरकार से मदद न मिलने से कुल्लू मंडी के भेड़ पालक गद्दी मायूस

सरकार की अनदेखी से युवा पीढ़ी भेंड पालन के कार्य में नहीं दिखा रही रूचि

 

सरकार से मदद न मिलने से कुल्लू मंडी के  भेड़ पालक गद्दी मायूस

सरकार की अनदेखी से युवा पीढ़ी भेंड पालन के कार्य में नहीं दिखा रही रूचि

नंवबर माह में पहाड़ियों पर बर्फबारी से मैदानी क्षेत्रों की तरफ लौट रहे गद्दी

न्यूज मिशन

कुल्लू

हिमाचल प्रदेश में सरकार से मदद न मिलने  से भेंड़ पालक गद्दी मायूस दिख रहे है ऐसे में सरकार की तरफ स गद्दियों के लिए कोई भी योजना न होने से भेंड़ पालक के व्यवसाय चौपट होने की कगार पर पहुंच गया यहीं नहीं पिछले एक एक दशक से गद्दियों की संख्या कम हो रही है और युवा पीढ़ी इस व्यवसाय से रूचि नहीं दिखा रही है ऐसे में कुल्लू मंडी के गद्दियों ने प्रदेश सरकार को अनदेखी का आरोप लगाया है। गद्दियों की मानें तो इस व्यवसाय  में  युवा पीढ़ी रूचि नहीं ले पा रही है जिसके कारण धीरे धीरे व्यवसाय समाप्त होने बाला है। ऐसे में सरकार को इस व्यवसाय को जीवित रखने के लिए भेंड़ पालकों को विभिन्न प्रकार की योजनाओं से सबसीड़ी का प्राबधान करना चाहिए ताकि गद्दियों को सरकार की योजना लाभ मिल सके।

मंडी के भेड़ पालक नंद लाल  ने कहाकि  भेड़ बकरियों का बहुत खतरनाक है ऐसे में खुलेआसमान में पहाड़ी में 6 माह बीताना बहुत मुश्किल है।उन्होंने कहाकि मैदानी ईलाकों से लाहौल स्पीति में आते जाते भेड़ों की चोरी होने से नुक्सान होता है और सरकार की तरफ से कोई मदद नहीं मिलती है और ऐसे में बारिश बर्फबारी के बीच पहाड़ों में भेड़ पालन के कार्य में भारी परेशानी होती है।उन्होंने कहाकि भेड़ पालकों को लेकर सरकार को  वाटर प्रूफ जैकेट जूते व टोपी के साथ टैंटों के लिए सबसीड़ी का प्राबधान करना चाहिए ताकि भेड़ पालकों के लिए भी सरकार की तरफ से मदद मिल सके।

जिला मंडी के भेड़ पालक हीरा,लाल लीलामणि,मोहन ने कहाकि सरकार की अनदेखी से भेड़ पालक का व्यवसाय चौपट हो रहा है और ऐसे में पिछले कई सालों से भेड़ पालकों की संख्या में कमी हो रही  है और युवा पीढ़ी इस व्यवसाय में रूचि नहीं दिखा रही है।उन्होंने कहाकि सरकार अगर इस तरफ ध्यान नहीं देगी और गद्दियों को सुविधा नहीं मिलेगी तो भबिष्य में यह व्यवसाय चौपट हो जाएगा।उन्होंने सरकार से मांग की कि गद्दियों के व्यवासय को बचाने के लिए योजनाए बनाकर सुविधा प्रदान की जाए ताकि भबिष्य में पशु धन का कोराबार जीवित रह सके।

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