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पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में भाषा एवं संस्कृति विभाग कर रहा सराहनीय प्रयास- आशुतोष गर्ग
कहा- प्रदेशभर के कवियों ने संगोष्ठी में काव्य रचना प्रस्तुत कर लोकसंस्कृति संरक्षण संवर्धन के दिया संदेश
November 1, 2022
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पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण संवर्धन में भाषा एवं संस्कृति विभाग कर रहा सराहनीय प्रयास- आशुतोष गर्ग
कहा- प्रदेश भर के कवियों ने संगोष्ठी में काव्य रचना कर दर्शकों का जीता दिल
देव सदर के सभागार में दोदिवसीय पहाड़ी दिवस सम्मेलन का उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने किया शुभारंभ
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला मुख्यालय देव सदर के सभागार में भाषा एवं संस्कृति विभाग के द्वारा राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस समारोह का आयोजन किया किस वो के पर उपायुक्त कुल्लू आशुतोष करने बता मुख्य अतिथि शिरकत की । इस मौके पर भाषा एवं संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक कुसुम संघानी ने उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग को शॉल टोपी भेंट कर स्वागत किया इस मौके पर प्रदेश भर के सभी जिला के कवियों ने संगोष्ठी में काव्य रचना प्रस्तुत की और दर्शकों का खूब मनोरंजन किया
– उपायुक्त कुल्लू आशुतोष गर्ग ने कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग के द्वारा राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस सम्मेलन इस वर्ष कुल्लू जिला में रखा है उन्होंने कहा कि देवसदन के सभागार में 2 दिवसीय पहाड़ी दिवस के पहले दिन पूरे प्रदेश भर से कवियों के द्वारा पहाड़ी जिसमें प्रदेश संस्कृति और बोली पर कवि सम्मेलन में संगोष्ठी का आयोजन किया गया उन्होंने कहा प्रयास है प्रदेश भाषा कला एवं संस्कृति विभाग द्वारा हमारी पहाड़ी भाषा के संरक्षण एवं संवर्धन के लिए और इसके लिए मैं विभाग को बहुत-बहुत शुभकामनाएं और बधाई देता हूं और मैं उम्मीद करता हूं कि इस तरह के प्रयासों से हमारी भाषा और हमारी संस्कृति को संजोए रखने के लिए इस को आगे बढ़ाने के लिए यह बहुत अच्छा कदम इस दिशा में है।
भाषा एवं संस्कृति विभाग की सहायक निदेशक कुसुम संघानी ने कहा कि भाषा एवं संस्कृति विभाग के द्वारा 1 और 2 नवंबर को राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस का आयोजन साल किया जाता है उनका की इस वर्ष राज्य स्तरीय पहाड़ी दिवस कुल्लू जिला में किया जा रहा है। उन्होंने कहा कि पहले दिन काव्य संगोष्ठी और दूसरे दिन विद्वानों द्वारा लेखन व शोध पत्र पढ़े जाएंगे। उन्होंने कहा कि पहाड़ी संस्कृति के संरक्षण संवर्धन के लिए युवाओं को अपनी संस्कृति के प्रति जागरूक किया जा रहा है उन्होंने कहा कि आज हमारे प्रदेश का युवा पाश्चात्य संस्कृति की तरफ आकर्षित हो रहा है जिससे हमारी लोक संस्कृति लुप्त हो जाए हो रही है ऐसे में अपने लोक संस्कृति को बचाने के लिए भाषा एवं संस्कृति विभाग के द्वारा काव्य संगोष्ठी व लेखन प्रतियोगिता सहित विभिन्न प्रकार के सांस्कृतिक गतिविधियां आयोजित की जा रही है ताकि हमारी लोक संस्कृति का संरक्षण व संवर्धन हो सके।