चुनाव आचार संहिता लगने से पहले सरकार करें प्रभावितों की मांगों का निपटारा: खुशाल ठाकुर
मोदी के मण्डी दौरे के बाद फोरलेन मुद्दे पर अंतिम संभावना
न्यूज़ मिशन
भुंतर
भाजपा सरकार का कार्यकाल पूरा होने को है, परन्तु फोरलेन में मुआवजे को लेकर संघर्षरत प्रभावितों व सरकार के बीच गतिरोध जारी है। इसी कड़ी में शनिवार को फोरलेन संघर्ष समिति के सरंक्षक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मण्डी परिधिगृह में चर्चा की। गौरतलब है कि पिछले कुछ समय से फोरलेन में चार गुणा मुआवजे का मुद्दा मुख्यमंत्री के पाले में है, व समिति के सरंक्षक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर समय-समय पर सरकार से इस मुद्दे का चुनाव आचार संहिता लगने से पहले निपटारा करने का आग्रह करते आ रहे हैं। प्रभावितों की मांग है, कि 1 अप्रैल 2015 को सरकार द्वारा जारी ग्रामीण क्षेत्रों के लिए फैक्टर एक की अवैध अधिसूचना को रद्द करके फैक्टर दो यानी चार गुणा मुआवजा दिया जाये।
दिलचस्प है कि भाजपा ने 2017 के चुनावी घोषणा पत्र में फैक्टर दो यानी चार गुणा मुआवजे का वादा किया है। अब जबकि 2022 का चुनावी बिगुल बजने वाला है, व भाजपा सरकार इस मुद्दे पर अब तक कोई निर्णय नहीं ले पायी है। ऐसे में प्रभावित सरकार की वादाखिलाफी पर अपने आप को ठगा हुआ महसूस कर रहे हैं। वहीं हिमाचल की विभिन्न फोरलेन परियोजनाओं से प्रभावितों की लम्बे समय से चली आ रही समस्याओं के समाधान न होने से उपजा रोष अब सिर पर आ चुके विधान सभा चुनावों के लिए बड़ा मुद्दा बनता जा रहा है। धीरे-धीरे पूरे प्रदेश के फोरलेन प्रभावित इस मुद्दे पर मुखर हो रहे हैं, जोकि 2022 के चुनावों में राजनैतिक दलों के लिए नफा-नुक्सान का बड़ा कारण हो सकता है।
हालांकि 2015 से कांग्रेस की सरकार व 2017 से भाजपा की सरकार इस मुद्दे पर फोरलेन प्रभावितों की आवाज उठा रही फोरलेन संघर्ष समिति के साथ वार्ता जारी रखे हुए हैं, लेकिन चार गुणा मुआवजा, पुनस्र्थापना व पुनर्वास, आरओडब्ल्यू से बाहर नुक्सान जैसे अनेक मुद्दों पर अबतक कोई समाधान नहीं निकल पाया है।
समिति के सरंक्षक ब्रिगेडियर खुशाल ठाकुर ने कहा कि मुख्यमंत्री से फोरलेन मुद्दे पर आज की चर्चा सकारात्मक रही है, आशा है कि माननीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के मण्डी दौरे के बाद शिमला में इस मुद्दे पर अंतिम निर्णय लिया जाये। जिससे प्रदेश के लाखों प्रभावितों को राहत मिल सकेगी।