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कोप्रेटिव मार्किटिंग बागवानों के लिये फायदेमंद- गोविंद ठाकुर

बागवानी भवन पतलीकूहल में फलोत्पादक संघ के साथ की बैठक

न्यूज़ मिशन
कुल्लू 20 जुलाई। कोप्रेटिव मार्किटिंग बागवानों के लिये काफी फायदमंद हो सकती है। फलोत्पादक संघ को इस प्रकार के विपणन की व्यवस्था को प्रोत्साहित करने के लिये आगे आना चाहिए। यह बात शिक्षा व कला, भाषा एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने बुधवार को मनाली विधानसभा क्षेत्र के अंतर्गत बागवानी भवन माहिली-पतलीकूहल में फल उत्पादक संघ के साथ आयोजित एक बैठक की अध्यक्षता करते हुए कही। उन्होंने कहा कि कोप्रेटिव मार्किटिंग के लिये बागवानों को भी सहयोग करना होगा ताकि सभी बागवानों से उनके उत्पादन का कुछ हिस्सा इस प्रकार की व्यवस्था में शामिल किया जाए। को्रपेटिव मार्किटिंग में सीधे तौर पर सेब की बिक्री बल्क में किसी एक या दो कंपनियों को की जा सकेगी।
गोविंद ठाकुर ने कहा कि प्रदेश सरकार बागवानों के हितों को लेकर संजीदा है और समय-समय पर उच्च स्तर पर बैठकें करके सेब के विपणन को सुचारू बनाने के प्रयास करती है। उन्होंने कहा कि हाल ही में मुख्यमंत्री जय राम ठाकुर ने कार्टन पर जीएसटी 6 फीसदी कम करके सरकार द्वारा इसका खर्च वहन करने की घोषणा की है। यह बहुत बड़ी राहत है। उन्होंने बागवानों की कुछ बड़ी मांगों के मद्देनजर बैठक के दौरान ही बागवानी मंत्री महेन्द्र सिंह ठाकुर ने मोबाइल पर बात करके उनसे कुल्लू में फलोत्पादकों के साथ बैठक करने को आग्रह किया। बागवानी मंत्री ने उनके आग्रह पर यह बैठक कुल्लू में आगामी 24 तारीख को रखी है। बैठक में फलोत्पादक संघ के अनेक मसले हल होने की बात भी गोविंद ठाकुर ने कही। इससे पहले उन्होंने एक बैठक उपायुक्त के साथ फलोत्पादकों की करवाने को कहा।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि वह स्वयं सब्जी मण्डी बंदरोल का दौरा करके यहां बागवानों व आढतियों के लिये सृजित की जाने वाली अतिरिक्त सुविधाओं का जायजा लेंगे। उन्होंने फलोत्पादक संघ की मांग पर 20 लाख रुपये बागवानी भवन परिसर के विस्तार व सब्जी मण्डी के लिये देने की घोषणा की। उन्होंने कहा कि कार्टन के डेढ़ व दो किलोग्राम बजन का मुद्दा जल्द सुलझा लिया जाएगा ताकि बागवानों को किसी प्रकार का नुकसान मण्डियों में सेब की तुलाई के समय न हो।
फलोत्पादक संघ के अध्यक्ष महेन्द्र उपाध्याय ने कहा कि संघ की स्थापना 1970 में की गई थी और उस समय 18 हजार परिवार इससे जुड़े थे। तब से लेकर संघ बागवानों के हितों के लिये कार्य कर रहा है। उन्होंने कहा कि सेब से लदे ट्रक की दुर्घटना होने पर उत्पादक संघ इसका क्लेम अपनी निधि से वहन करता है। माल देरी से मण्डियों में पहंुचने की भरपाई की संघ करता है। देशभर में सेब के विपणन की व्यवस्था की संघ करता है। इसके अलावा दवाईयां, कार्टन इत्यादि को नो लॉस, नो प्रोफिट आधार पर बागवानों को उपलब्ध करवाया जाता है। संघ बेसहारा पशुओं के चारे व पुनर्वास में भी योगदान कर रहा है। 42 लाख का चारा संघ ने बेसहारा पशुओं तथा गौसदनों को उपलब्ध करवाया है।
अध्यक्ष ने कहा कि बागवानों के लिये प्रशिक्षण की व्यवस्था भी संघ करता है। बागवानी विभाग के साथ मिलकर तीन सालों में 261 शिविरों का आयोजन किया है। आढ़तियों व सब्जी मण्डियों में तालमेल स्थापित करके बागवानों को किसी भी प्रकार की ज्यादती से बचाने का प्रयास किया जाता है। उन्होंने कहा कि जिला में लगभग एक करोड़ सेब के बॉक्स होने का अनुमान है। इसका सुचारू विपणन सुनिश्चित बनाने के लिये संघ निरंतर प्रयासरत है। उन्होंने चिंता जाहिर की कि बागवानी में बड़े पैमाने पर परिवर्तन लाने की जरूरत है क्योंकि विदेशी सेब गुणवत्ता में भी अच्छा है और पैदावार में भी। कश्मीर से सेब 15 अगस्त तक मण्डियों में दस्तक दे देगा जिससे यहां के बागवानों को बड़ा नुकसान होगा। उन्होंने कहा कि जिला में बागवानों को वैश्विक स्तर की सेब वैराइटियां तैयार करने में अभी समय लगेगा। इसके लिये उन्होंने सरकार से रूट स्टॉक उपलब्ध करवाने को आग्रह किया। उन्होंने एचपीएमसी के सी.ए. स्टोर को कार्यशील बनाने के लिये मंत्री से आग्रह किया।
एसडीएम मनाली सुरेन्द्र ठाकुर, एसडीएम कुल्लू विकास शुक्ला, भाजपा मण्डल के अध्यक्ष दुर्गा सिंह ठाकुर, फलोत्पादक संघ के उपाध्यक्ष नरेन्द्र शर्मा, महासचिव राजीव ठाकुर, कोषाध्यक्ष लाल चंद के अलावा बी.आर. नेगी, मुकेश ठाकुर सहित अनेक बागवान बैठक में उपस्थित रहे।

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