कुल्लू जिला में शहीद स्मारक का निर्माण न होना सरकार की नकामी – सुंदर सिंह ठाकुर
कहा-क्षेत्रीय अस्पताल कुल्लू में डाक्टरों की कमी से पूर्व सैनिक भी चिंचित नहीं मिल रही अल्ट्रासाऊंड की सुविधाए
ढालपुर में पूर्व सैनिक समुदायिक भवन निर्माण के लिए 5 लाख रूपये राशी देने की घोषणा
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला मुख्यालय में पूर्व सैनिक लीग के सदस्यों ने ब्रिगेडियर टीएस ठाकुर की अध्यक्षता में अपने मांगों को लेकर विधायक सदर कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर से कार्यलय में मुलाकात की। इस दौरान ब्रिगेडियर टीएस ठाकुर ने विधायक सुंदर सिंह ठाकुर के सामने विभिन्न समस्याए रखी। जिसमें कुल्लू अस्पताल में बिशेषज्ञ डाक्टरों की कमी और जिला में शहीद स्मारक का निर्माण न होना और पूर्व सैनिक समुदायिक भवन निर्माण के लिए 5 धनराशी की मांग की। विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने पूर्व सैनिक समुदायिक भवन ढालपुर में निर्माण के लिए 5 लाख रूपये राशी देने घोषणा की और विभिन्न समस्याओं के समाधान के लिए आश्वासन दिया।
विधायक कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर ने कहाकि पूर्व सैनिक लीग के बरिष्ठ लोगों ने बिग्रेडियर टीएस ठाकुर के नेतृत्व में मुलाकात की है।उन्होंने कहाकि सभी पूर्व सैनिकों ने फौज रहते हुए अपने शोर्य प्राकरम को दिखाया है और सेवा निवृति के बाद पूर्व सैनिक समुदायिक भवन निर्माण के लिए 5 लाख रूपये की धनराशी की मांग की थी। जिसको लेकर 5 लाख रूपये की राशी स्वीकृत की है।उन्होंने कहाकि कुल्लू जिला में सरकार शहीदों को सम्मान देना भूली है और शहीदों का स्मारक का निर्माण नहीं करवा पाए है। ऐसे में शहीदों को श्रद्वा सुमन अर्पित करने के लिए कोई बिशेष स्थान का निर्माण नहीं है।उन्होंने कहाकि इसको लेकर विधानसभा सत्र में सरकार के समक्ष आवाज उठाई थी लेकिन उस पर चर्चा नहीं हो पाई।उन्होंने कहाकि समय की मांग है कि शहीदों के लिए स्मारक का निर्माण किया जाए जिसमें बहुत ज्यादा विलंभ हुआ है।उन्होंने कहाकि इसको लेकर पूर्व सैनिक लीग भी लोग भी आवाज उठाए ताकि सरकार जल्द शहीद स्मारक का निर्माण करें और शहीदों को सम्मान मिले।उन्होंने कहाकि पूर्व सैनिकों ने भी कुल्लू अस्पताल में डाक्टरों की कमी के कारण स्वास्थ्य सुविधाओं अल्ट्रासाऊंड समस्याओं को लेकर बात कही है।उन्होंने कहाकि ऐसे में पूर्व सैनिक से भी आग्रह किया गया है वो भी अपने संगठन के साथ कुल्लू की जनता के उत्थान के लिए अपना योगदान दें।उन्होंने कहाकि 21 वीं सदी में कुल्लू के विकास को लेकर इनके अनुभव और योगदान के साथ आगे बढ़े।