कुल्लू जिला में लहसुन की फंसल में स्टैंम्प फाईलम लीफ स्पोर्ट बीमारी का प्रकोप हजारों किसान चिंतित
कृषि विभाग के बिशेषज्ञों ने किसानों को कार्बनडाईमिम और मैनकोजेब दवाई के छिड़काव दी सलाह
पत्ते पीले जड़ों में कीड़े लगाने हजारों किसानों की आर्थिकी पर मंडरा रहा खतरा
कृषि विभाग के बिशेषज्ञों ने किसानों को कार्बनडाईमिम और मैनकोजेब दवाई के छिड़काव दी सलाह
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला की महाराजा कोठी,लगघाटी,मणिकर्ण घाटी व आनी उपमंडल में लहसुन की फंसल में स्टैंम्प फाईलम लीफ स्पोट बीमारी के प्रकोप हजारों किसान को चिंतित हो रहे है। कुल्लू जिला की लगघाटी के सैंकड़ो गांव के हजारों किसानों की लहसुन की फसल में बीमारी लगाने से परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है ऐसे में लगघाटी के भुट्टी,भल्याणी,मड़घन,शंगन गांव में लहसुन की फसल में बीमारी से खेत खाली हो रहे है जिसमें हजारों किसानों की लहसुन की फसल पर खतरा मंडरा रहा है। जिसके लिए लगघाटी के किसानों ने कृषि विभाग के बिशेषज्ञों से खेतों का निरीक्षण कर उचित उपाय से बीमारी के निदान की मांग की है।
स्थानीय किसान सुख राम ने बताया कि कुल्लू जिला में बड़े पैमाने पर लहसुन की फसल लगाई है पिछले 3 सालों से लहसुन की फसल में गंभीर बीमारी से फसल खराब हो रही है। जिसमें किसानों ने दवाईयों का छिड़काव भी किया लेकिन बीमारी पर पूरी तरह से कंट्रोल नहीं हो रहा है ऐसे में लहसुन की फसल के पत्ते पीले और जड़ों में कीड़े लग रहे है जिससे खेतों के खेत खाली हो रही है और किसानों को बड़े स्तर पर आर्थिक नुक्सान हो रहा है।उन्होंने कहाकि कृषि विभाग के बिशेषज्ञों को खेतों का दौरा कर इस बीमारी का निदान करना चाहिए।उन्होंने कहाकि एक खेत से दूसरे खेत में यह बीमारी पहुंच रही है जिससे कई किसानों के खेतों में बीमारी से सारी फसल खराब हो गई है।हर साल लहसुन की फसल में बीमारी से लहसुन की फसल खराब हो रही है। उन्होंने कहाकि कई गांव में किसानों के खेत बीमारी से फसल बर्बाद हो गए है ऐसे में कृषि विभाग को फसल बचाने के लिए किसानों को उपाय बताए नहीं तो आने बाले समय में लहसुन की फसल को खतरा मंडरा रहा है।
कृषि विभाग के बिषय बाद बिशेषज्ञ अधिकारी प्रदीप ठाकुर ने कहाकि कुल्लू जिला में काफी किसानों की लहसुन की फंसल में स्टैंम्पफाईलम लीफ स्पोट बीमारी का प्रकोप आया है।उन्होंने कहाकि किसानों से हमने आग्रह किया बीज प्रमाणिकृत एजेंसी से खरीदें ।उन्होंने कहाकि लहसुन का बीज खेतो में लगाने से पहले मैंनकोजेब और कार्बनडाईजिम में भिगों कर लगाए जिससे लहसुन के पौंध में फंग्स की बीमारी नहीं आएगी और बीमारी फैलेगी नहीं।उन्होंने कहाकि हर साल एक खेत में एक ही फंसल लगाने से बीमारी हर साल फैलती है ऐसे में किसान फंसल चक्र अपनाए।उन्होंने कहाकि लहसुन की फंसल में स्टैंम्प फाईलम लीफ स्पोर्ट बीमारी का प्रकोप आया हैइसको दूर करने के लिए किसान कार्बनडाईमिम का 1 ग्राम और मैनकोजेब का ढाई ग्राम 1 लीटर पानी में घोल बनाकर स्प्रे करें ताकि बीमारी के प्रकोप से फंसल को बचाए जा सके।उन्होने कहाकि कुल्लू जिला में लगघाटी और पाहनाला व आनी के कुछ क्षेत्रों में इस बीमारी के प्रकोप से किसानों को सलाह दी गई है।उन्होंने कहाकि किसानों को कृषि विभाग के द्वारा यह सलाह दी जाती है कि किसान फंसल विविधिकरण अपनाए और एक ही फंसल न उगाए और भी नगदी फंसलें भी लगाए ताकि ज्यादा बारिश व सुखग्रस्त होने से फंसल खराब हो तो दूसरी कवर फंसल से नुक्सान की भरवाई कर सकें।
गौर रहे कि प्रदेश में सिरमौर के बाद लहसुन उत्पादन में कुल्लू जिला दूसरे स्थान पर है। कुल्लू जिला में हजारों मिट्रिक टन लहसुन का उत्पादन होता है। ऐसे में कुल्लू जिला से देश के कई राज्यों को लहसुन निर्यात होता है और लहसुन पर कुल्लू जिला के हजारों किसानों की आर्थिकी का स्त्रोत है।