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नई शिक्षा नीति से युवाओं को बनाया जाएगा आत्मा निर्भर  – महेंद्र सिंह ठाकुर

कहा - 5 प्लस 3 प्लस 3 प्लस 4 की नीति के तहत छात्रो के  बनाया जाएगा सशक्त

 

 

एंकर

कुल्लू जिला मुख्यालय  देवसदन के सभागार में नई शिक्षा नीति को लेकर एक दिवसीय सेमिनार का आयोजन  किया गया। जिसकी अध्यक्षता उप निदेशक निरीक्षक महेंद्र ठाकुर की अध्यक्षता की। इस सेमिनार में जिला भर प्रधानाचार्य अध्यापक मुख्य अध्यापक व छात्रों ने भाग लिया। नई शिक्षा नीति को लेकर विभिन्न रिसोस पर्सन ने विस्तार से पॉलिसी को लेकर जानकारी दी।
वीओ-शिक्षा उपनिदेशक  निरीक्षण विंग  महेंद्र ठाकुर ने बताया कि नई शिक्षा नीति के तहत देव सदन के सभागार में बच्चों व अध्यापकों को  विस्तार से जानकारी दी जा रही है।उन्होंने कहा कि 1986 में शिक्षा नीति पर पॉलिसी बनी थी, जिसमें कि आज 2020 में इस पॉलिसी में बदलाव किया गया है और जो 1986 की शिक्षा नीति थी उसे रोजगार जोड़ने से की कोशिश की थी लेकिन भारत सरकार ने पाया कि पूरानी शिक्षा नीति से युवाओं को रोजगार उपलब्ध नहीं हुए अब नई शिक्षा नीति बनाई गई जिसमें 5 प्लस 3 प्लस 3प्लस 4की नीति के तहत बच्चों को ज्यादा से ज्यादा करवाया जाए इस प्रकार की शिक्षा बच्चों को स्कूलों में ही दी जाए। जिसमें कि कुछ बदलाव किए गए हैं और समाज से जुड़े हुए वर्ग हैं। विद्यार्थी को उन सभी के विचारों को साझा किया गया है जिससे कि बच्चों को ज्यादा से ज्यादा रोजगार मिले और बच्चे सरकारी नौकरी की तरफ कम जाए इसी के फलस्वरूप बच्चों को लिया जा रहा है। जिससे कि बच्चों में उनकी छुपी हुई प्रतिभा को बाहर निकाल सके। उन्होंने कहा कि बच्चे साइंस के क्षेत्र में समाजिक के क्षेत्र में ऐसे प्रोजेक्ट बना सके जिसके के लिए यह मेले का आयोजन किया गया है। उन्होंने कहा कि बच्चों से एसएमसी अभिभावकों व अध्यापकों से जो भी सुझाव आएंगे उन्हें सरकार तक पहुंचाया जाएगा। ऐसे मेले का आयोजन खंड स्तर पर जिला स्तर पर और राष्ट्र स्तर पर किया जाएगा। और बच्चे और अभिवावकों को भी अच्छा कार्य करेगा उन्हें सम्मानित भी किया जाएगा। उन्होंने कहा कि इसका आयोजन अब जिला स्तर पर कुल्लू में किया जाएगा। न्यू पॉलिसी के तहत बच्चों को परीक्षा के अंदर जो बदलाव किए गए हैं। पहले बच्चों की एक ही परीक्षा होती थी। जिसमें बच्चों में तनावपूर्ण रहता था अब हिमाचल प्रदेश शिक्षा मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर की अध्यक्षता में बच्चों के ऊपर कम बोझ हो जिसको लेकर परीक्षाओं को दो भागों में बांटा गया ताकि बच्चे भी तनाव मुक्त रहे।  बच्चों को अच्छी शिक्षा मिलेगी तो अपना रोजगार व स्वरोजगार प्राप्त कर सकते हैं अभी स्कूलों में बहुत सारे वोकेशनल विषयों पर बच्चों को आत्मनिर्भर बनाया जा रहा है जिसमें कृषि हेल्थ केयर होटल मैनेजमेंट टूरिज्म की शिक्षा दी जा रही है

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