किन्नौर पुलिस ने खोजा चोरी हुआ चिलगोज़ा
15 बोरी चिलगोज़े की बाजार में कीमत करीब 15 लाख रुपये
चोरी हुआ चिलगोज़ा, किन्नौर पुलिस ने खोजा
ज़िला किन्नौर के उरनी गाँव में देवताओं के आगमन की खुशी में उस दिन जश्न मनाया जा रहा था तथा लोग पूजा आदि कार्यों में व्यस्त थे। ऐसे समय में किसी शातिर अपराधी ने लोगों द्वारा कड़ी मेहनत से इकट्ठे किए गए तकरीबन 15 बोरी चिलगोज़े पर हाथ साफ कर दिया था, जिसकी बाजार में कीमत लगभग 15 लाख रुपये थी।
बात का पता तब चला जब अगली सुबह लोगों ने देखा कि सारा चिलगोज़ा गायब है। स्तब्ध व क्षुब्ध लोगों ने 112 ERSS हेल्पलाइन पर मदद मांगी।
सूचना प्राप्त होने पर पुलिस मौके पर पहुंची और आसपास की सभी गाड़ियों की तलाशी ली लेकिन कहीं से कुछ भी बरामद न हुआ। इस तलाशी में गाँव के लोगों ने भी सहायता की, जिनमें विशेष तौर पर उसी गाँव का दिनेश खूब बढ़-चढ़ कर पुलिस की तलाशी में सहायता कर रहा था।
दिन भर की मशक्कत के बाद पुलिस के हाथ कुछ सुराग लगे। इनमें एक संदिग्ध मोबाईल नम्बर था। इस मोबाइल नंबर के प्रयोक्ता के पास एक कैंपर गाड़ी भी थी। इस वाहन का घटना की रात को करीब अढाई बजे रामपुर की तरफ जाना पाया गया व सुबह सात बजे वापिस पहुँचना मालूम हुआ। इस वाहन का ये आवागमन सीसीटीवी कैमरे में भी रिकॉर्ड हो गया था।
लेकिन संदिग्ध व्यक्ति ने कोशिशों के बावजूद भी अपराध कूबूल नहीं किया और न ही कोई अपने रामपुर जाने के विषय में जानकारी दी।
रिश्तेदारों तथा ग्रामीणों से पता करने के बाद यह पता चला कि उक्त व्यक्ति की बहन रामपुर में रहती है। पुलिस ने बड़ी मुस्तैदी से इस बहन के घर जाकर पता किया तो पता चला कि उक्त व्यक्ति घटना की रात को कुछ बोरियां लेकर रामपुर आया था तथा उनके स्टोर में रखकर वापिस चला गया था। चिलगोज़े की 15 बोरियां उस संदिग्ध व्यक्ति की बहन के स्टोर से बरामद कर ली गईं।
प्रकरण की गुत्थी सुलझाते हुए पता चला कि इस पूरे प्रकरण में सबसे दिलचस्प बात यह है कि दिनेश नाम का वह व्यक्ति जो पुलिस की सहायता कर रहा था चोरी का असल आरोपी वही है। उसने दिन भर पुलिस की जांच को गुमराह किया तथा बचने की कोशिश की।
अन्वेषण के दौरान यह खुलासा हुआ कि इस व्यक्ति पर साढ़े चार लाख रूपए का कर्ज़ था जिसे चुकाने के लिए इसने इस संगीन अपराध को अंजाम दिया। मामले में पुलिस द्वारा आगामी कानूनी कार्रवाई की जा रही है।