बठाहड़ का स्वास्थ्य उपकेंद्र, रखरखाव के अभाव में भवन क़ी खस्ताहाल स्थिति
स्वास्थ्य उपकेंद्र बठाहड़ में लटके है ताले, ना कोई नर्स ना ही अन्य स्टाफ, लोग परेशान।
- खुद अपने इलाज को तरस रहा है बठाहड़ का स्वास्थ्य उपकेंद्र, रखरखाव के अभाव में भवन खस्ताहाल
क्षेत्र की करीब 7000 आबादी उपचार के लिए एकमात्र स्वास्थ्य उपकेंद्र पर है निर्भर।
न्यूज़ मिशन
तीर्थन घाटी गुशैनी बंजार परस राम भारती
जिला कुल्लू के उपमंडल बंजार की तीर्थन घाटी के लोगों को स्वास्थ्य सुविधा उपलब्ध करवाना महज दिखावा बन कर रह गया है। सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करके तीन ग्राम पंचायतों मशियार, शिल्ली और तुंग की हजारों आबादी के लिए बठाहड़ में करीब चार दशक पहले एकमात्र स्वास्थ्य उपकेन्द्र खोला गया था। लेकिन वर्तमान में जमीनी हकीकत यह है कि इस पर भी महीनों से ताला लटका रहता है। जिसके कारण इन दुर्गम ग्राम पंचायतो के करीब 7000 लोगों को भारी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
दूरदराज क्षेत्र के इन लोगों अपनी छोटी मोटी बीमारी और प्राथमिक उपचार तक के लिए बंजार या करीब 90 किलोमीटर दूर जिला मुख्यालय कुल्लू पहुचना पड़ रहा है। यहां के कई गरीब और असहाय लोग अपने उपचार के लिए मेडिकल स्टोर, देसी वैद्य अथवा किसी झोलाछाप डॉक्टर की शरण में जाने को मजबूर है। इस क्षेत्र के अधिकांश गांव अभी तक सड़क सुविधा से भी महरूम है जिस कारण आपातकाल स्थिती में लोगों को चिकित्सा सुविधा मिलना असंभव सा हो जाता है। सर्दियों के दौरान लोगों को और भी अधिक परेशानी होती है जो बर्फबारी के मौसम में समय पर इलाज न मिलने के कारण गंभीर बीमारी वाले मरीज कई बार अस्पताल पहुंचने से पहले ही दम तोड़ जाते हैं। किसी गम्भीर बिमारी की हालात में लोगों को कहीं शहर में जा कर निजी अस्पतालों में भारी भरकम राशि खर्च करके अपना इलाज करवाना पड़ रहा है।
यहां के ग्रामीण क्षेत्रों में सरकारी चिकित्सा तंत्र दम तोड़ रहा है। पिछले करीब चार दशक पूर्व में बना एकमात्र स्वास्थ्य उपकेंद्र बठाहड़ इस समय खस्ताहाल अवस्था में है। सरकार द्वारा लाखों रुपए खर्च करके यहां के लोगों को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने के लिए स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला गया था जो वर्तमान में यह भवन अपनी बदहाली का दंश झेल रहा है। स्वास्थ्य विभाग की लापरवाही के चलते यह भवन जर्जर हालत में पहुंच चुका है। इस भवन के प्रांगण की दीवार एक ओर से ढह चुकी है और इसके चारों ओर गन्दगी का अंबार लगा हुआ है। पानी की निकासी के लिए बनाई गई नालियां गन्दगी से भरी पड़ी है और यहां जमा हुआ पानी इस भवन की नींव को नुकसान पहुंचा रहा है।
स्थानीय लोगों का कहना है कि अगर दूर दराज के गांव में कोई व्यक्ति बीमार पड़ता है तो उसे कई किलोमीटर दूर बंजार या कुल्लू के किसी निजी या सरकारी अस्पताल में इलाज के लिए ले जाना पड़ता है। लोगों का कहना है कि अगर सरकार द्वारा यहां के लोगों के लिए लाखों रुपए खर्च करके स्वास्थ्य उपकेंद्र खोला है तो विभाग की जिमेवारी बनती है कि इसके लिए स्टॉफ की भी स्थाई तौर पर नियुक्ति करें। यहां पर ना तो कोई कोई स्टाफ नर्स और न ही कोई मेल या फीमेल हेल्थ वर्कर और ना ही फार्मासिस्ट है। स्टाफ की कमी के कारण इस स्वास्थ्य उपकेन्द्र में महीनों से ताला लटका पड़ा है और यह वर्ष भर अधिकांश समय बन्द ही रहता है। लोगों का कहना है कि आशा वर्कर द्वारा इस भवन को कभी कभार पोलियो ड्रॉप्स और टीकाकरण के लिए खोल दिया जाता है।
हालांकि स्थानीय जनप्रतिनिधियों द्वारा समय समय पर विभाग को इस उपकेंद्र के सुधार की मांग की जाती रही है। लेकिन विभाग द्वारा भवन की दशा सुधारने और स्टाफ की नियुक्ति पर कोई भी उचित कदम नहीं उठाए जा रहे हैं।
अब हताश ग्रामीणों का गुस्सा चरम पर है। तुंग वार्ड की समिती सदस्य कमला देवी, ग्राम पंचायत मशीयार की प्रधान शांता देवी , ग्राम पंचायत शिलही के उपप्रधान मोहर सिंह, पूर्व उपप्रधान ठेवा राम , वार्ड सदस्य गोयला देवी, सेस राम, मोती राम, आत्माराम, आलम चन्द, टीकम राम, तारा चंद , निरत सिंह, राज कुमार, कौर सिंह, निक्का राम और गोपाल सिंह आदि का कहना है कि बंजार के ग्रामीण क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं की स्थिती बदतर होती जा रही है। वर्तमान में हजारों की आबादी को स्वास्थ्य लाभ पहुंचाने वाला एकमात्र उपकेंद्र बठाहड़ विना किसी स्टाफ के चल रहा है जो कि चिन्ता का विषय है। यदि विभाग द्वारा दो सप्ताह के भीतर स्वास्थ्य उपकेंद्र के पदों को ना भरा और ताले ना खोले तो लोग उग्र धरना प्रदर्शन करने से भी गुरेज नहीं करेंगे।
ग्राम पंचायत शिल्ही के उप प्रधान मोहर सिंह ठाकुर का कहना है कि विभाग को जल्द ही इस स्वास्थ्य उप-केंद्र में रिक्त पड़े पदों को भरना चाहिए। उन्होंने कहा कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों की प्रत्येक पंचायत में एक स्वास्थ्य उप -केंद्र खोलना चाहिए ताकि लोगों को पंचायत स्तर पर ही प्राथमिक स्वास्थ्य सुविधा मिल सके। इसके साथ ही गर्भवती महिलाओं और शिशुओँ का टीकाकरण पंचायत स्तर में ही होना चाहिए ताकि बरसात व बर्फबारी के दौरान आमजनता को कोई परेशानी ना हो l
उधर बंजार विधानसभा क्षेत्र आम आदमी पार्टी के अध्यक्ष पूर्ण चन्द ने कहा है कि बंजार के ग्रामीण क्षेत्रों में विभाग द्वारा बेहतर स्वास्थ्य सेवाएं प्रदान करने के सरकारी दावों की पोल खुल रही है। उन्होंने रोष प्रकट करते हुए कहा कि वर्तमान में ग्रामीण क्षेत्रों के लिए स्वास्थ्य, शिक्षा, सड़क जैसी मूलभूत सुविधाओं को देने में प्रदेश सरकार और विभागीय अधिकारियों की मनमानी चल रही है और गरीब जनता की कोई सुनवाई नहीं हो रही। इन्होंने कहा है कि सरकार को ग्रामीण क्षेत्रों में भी स्वास्थ्य सुविधा की सुध लेनी चाहिए।
डॉक्टर सुशील चन्द्र शर्मा ने बताया कि फीमेल हैल्थ वर्कर रूमा देवी की फोजल से 1 माह पहले ट्रांसफर हुई है और सेवाएं दे रही हैं।उन्होंने ने कहा कि पीएचसी गुशेणी में डॉक्टर और फार्मासिस्ट क्षेत्र की जनता को सेवाएं दे रहे हैं।