हजारों फोरलेन प्रभावित विस्थापितों के मामले को लेकर सरकार के दृष्टि पत्र से हटी दृष्टि – सुंदर सिंह ठाकुर
विधानसभा बजट सत्र में नियम 130 के तहत ध्यानाकर्षण प्रस्ताव लाकर उठाया जाएगा मामला
राजनीति से ऊपर उठकर फोरलेन संघर्ष समिति के साथ मिलकर सरकार से दृड़ता से लड़ेंगे लड़ाई
न्यूज मिशन
कुल्लू
कुल्लू जिला में फोरलेन संघर्ष समिति ने विधायक सुदर सिंह ठाकुर से मुलाकात कर ज्ञापन सौंपा इस दौरान सैंकड़ो फोरलेन प्रभावितों से विधायक सुंदर सिंह ठाकुर से फोरलेन प्रभावितों विस्थापितों के मुद्दें पर विधान बजट सत्र में मामला उठाने की मांग की है। इस दौरान विधायक सुंदर सिंह ठाकुर ने सभी फोरलेन प्रभावितों को विधानसभा में नियम 130 के तहत चर्चा कर सरकार के समक्ष मामला उठाने का आश्वासन दिया।इस दौरान फोरलेन संघर्ष समिति के पदाधिकारी दिनेश सेन,बृजेश महंत, महेंद्र सिंह ठाकुर, अरुणा ठाकुर, हेमा शर्मा सहित सैकड़ों लोग मौजूद रहे।
विधायक सदर कुल्लू सुंदर सिंह ठाकुर ने की फोरलेन निर्माण के लिए भूमि अधिग्रहण में अनियमिताए हुई है और हजारों प्रभावितों विस्थापितों को भूमि अधिग्रहण 2013 कानून के लिए हिसाब से उचित मुआवला पुनर्वास पुनरस्थपना का प्राबंधान है लेकिन पूर्व में व मौजूदा सरकार में हजारों लोग लंबी लड़ाई लड़ रहे है।उन्होंने कहाकि फोरलेन प्रभावित का मुद्दा समाधान की बजाए बाते उलझती जा रही है। उन्होंने कहाकि मौजूदा सरकार में फोरलेन निर्माण के कारण जो परिस्थ्तियां पैदा हो गई है। फोरलेन निर्माण के लिए कंटिंग के कारण गांव जमीदोज होने शुरू हुए है।जिससे लोगों की जमीनों व घरो को नुक्सान हुआ है उसकी भरपाई के लिए सरकार की तरफ कोई प्राबधान नहीं है ऐसे में फोरलेन निर्माण से लोगों को भारी नुक्सान हुआ है।उन्होंने कहाकि फोरलेन निर्माण से आरओडब्यू के बाहर भी लोगों पर बंदिशे लगाई जा रही है।उन्होंने कहाकि फोरलेन निर्माण से लोग प्रभावित विस्थापित हुए है लेकिन उसके बाद भी लोगों का फोरलेन के किनारे बसना जुर्म हो गया है। कई प्रकार की बंदिशों से लोगों को दिक्कतें हो रहे है।उन्होने कहाकि मौजूदा सरकार में 2,2 कमेटियां बनाई लेकिन फिर भी फोरलेन प्रभावितों की मांगो पर गौर नहीं किया जा रहा है।उन्होंने कहाकि सरकार ने फोरलेन प्रभावितों की चिंता नहीं की है।उन्होने कहाकि सीएलपी की बैठक में इस मुद्दें पर बैठक हुई है जिसमें विधानसभा के बजट सत्र में नियम 130 के तहत ध्यानाआर्कषण प्रस्ताव लाकर चर्चा की मांग की जाएगी।उन्होंने कहाकि सरकार ने दृष्टि पत्र में 4 गुणा मुआवजा पुनर्वास पुनस्थापना का वादा किया था लेकिन 4 सालों के बाद भी सरकार की दृष्टि हटी और फोरलेन संघर्ष समिति को सड़कों पर लड़ाई लड़नी पड़ रही है।उन्होंने कहाकि पूर्व में इस संघर्ष समिति का इस्तेमाल राजनैतिक लाभ के लिए किया गया लेकिन हम उन बातो में नहीं जाना चाहते और राजनीति से ऊपर उठकर फोरलेन प्रभावितों के साथ मिलकर लड़ाई लड़ेगें और सरकार के समक्ष दृड़ता के साथ इस मामले को उठाया जाएगा ताकि हजारों फोरलेन प्रभावित परिवारों को न्याय मिलें।