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रूस के मिसाइल हमले में यूक्रेन के खारकिव शहर की 52 ओलेना कूरिलो खून लथपथ देश भक्ति के लिए प्रेरणादायक बनी

48 घंटों में 1,00,000 से अधिक यूक्रेन के नागरिक पोलिश-यूक्रेन सीमा पार

 

द्वितीय विश्वयुद्ध के बाद यूरोप की सबसे बड़ी जमीनी जंग में शनिवार को रूस की हमलावर सेना के राजधानी कीव की तरफ आगे बढ़ने से हजारों की संख्या में यूक्रेन के लोग भागकर सीमा पर पहुंचे थे। इस बीच सोशल मीडिया पर एक फोटो तेजी से वायरल हो रही है।इस युद्ध की पहचान बन गई हैं। यह चेहरा यूक्रेन की एक महिला टीचर का है। जो मिसाइल हमले के बाद बच गई। एक मिसाइल हमले से बचने के बाद खून से लथपथ एक यूक्रेनी शिक्षक लोगों के लिए प्रेरणादायक बन गई है। चेहरे और सिर पर भारी पट्टियां बंधी ओलेना कूरिलो (52) हैं।मरते दम तक मातृभूमि के लिए सब कुछ करने की कसम खाई है। ओलेना कूरिलो का घर यूक्रेन के उत्तर पूर्व के खार्कीव शहर के चुगेव इलाके में था। एक बम आ गिरा और जिंदगी बदल गई। घर चकनाचूर हो गया। शिक्षक को गहरे घाव दे गया। इस बिस्फोट में जिंदा बच गई। स्कूल में इतिहाल पढ़ातीं हैं। फोटो इंटरनेट पर परिचायक बन गया है।

संयुक्त राष्ट्र शरणार्थी एजेंसी ने शनिवार को कहा कि करीब 1.2 लाख यूक्रेन के नागरिक अब तक पोलैंड और अन्य पड़ोसी देशों में पलायन कर चुके हैं। पश्चिमी यूक्रेन के चेर्नित्सि के एक परिवार ने सीमा पार करके उत्तरी रोमानिया के साइरेट में पहुंचने से पहले 20 घंटों तक इंतजार किया। 14 साल की नतालिया मुरिनिक ने रोते हुए दादा-दादी को अलविदा कहने का वर्णन किया, क्योंकि वे देश नहीं छोड़ सकते थे।

उसने कहा, ” मैं वाकई आहत हूं, मैं घर जाना चाहती हूं।” सबसे अधिक संख्या में यूक्रेन के लोग पोलैंड पहुंच रहे थे। पोलोंड में बीते कुछ सालों के दौरान काम करने के लिए आए 20 लाख यूक्रेन निवासी पहले ही वहां बस चुके हैं, जो वर्ष 2014 में यूक्रेन के क्रीमिया पर कब्जा करने के लिए रूस के पहले प्रयास के दौरान देश से बाहर चले गए थे।

पोलैंड की सरकार ने शनिवार को कहा कि पिछले 48 घंटों में 1,00,000 से अधिक यूक्रेन के निवासी पोलिश-यूक्रेन सीमा पार कर चुके हैं। मेड्यका सीमा पार पर पोलैंड में प्रवेश करने के लिए प्रतीक्षा कर रहे वाहनों की लाइन यूक्रेन में 15 किलोमीटर तक लंबी थी।

यूक्रेन के राष्ट्रपति वोलोदिमिर जेलेंस्की ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से शनिवार को बात की और अपने देश के खिलाफ रूस के सैन्य हमले को रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (यूएनएससी) में भारत से राजनीतिक समर्थन मांगा। जेलेंस्की ने एक ट्वीट में कहा, ”भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के साथ बात की। यूक्रेन द्वारा रूसी आक्रमण का मुकाबला करने की प्रक्रिया के बारे में बताया गया।”

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