हिमाचल और हिमालय को बचाने के लिए गंभीरता से विचार करना अतिमहत्वपूर्ण- शिव प्रताप शुक्ल
कहा- जीवनदायनी हिमालय बचाने के लिए वैज्ञानिक करें शोध
हिमाचल और हिमालय को बचाने के लिए गंभीरता से विचार करना अतिमहत्वपूर्ण- शिव प्रताप शुक्ल
कहा- हिमालय जीवनदायनी बचाने के लिए वैज्ञानिक करें शोध
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय केंद्र मौहल कुल्लू में राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला 3 दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सेमिनार का किया शुभारंभ
न्यूज मिशन
कुल्लू
हिमाचल प्रदेश के गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय केंद्र मौहल में 3 दिवसीय पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र प्रक्रियाएं और स्थायी आजीविका पर अंतरराष्ट्रीय सेमिनार का शुभारंभ राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ल दीप प्रज्वलित कर किया। इस अंतरराष्ट्रीय संविधान में देश भर से 120 से अधिक प्रतिभागी भाग ले रहे हैं ।जिसमें जापान ऑस्ट्रेलिया अमेरिका स्पेन इसराइल ऑनलाइन संवाद करेंगे। पूर्वी मुख्य संसदीय सचिव सुंदर सिंह ठाकुर ,डीसी कुल्लू तोरल एस रवीश एसपी कुल्लू भी मौजूद रहे
हिमाचल के राज्यपाल शिव प्रताप शुक्ला ने कहा कि हिमाचल और हिमालय को बचाने के लिए गंभीरता से विचार करना चाहिए उन्होंने कहा कि हिमालय में हिमाचल उत्तराखंड जम्मू कश्मीर लद्दाख क्षेत्र में है उन्होंने कहा कि हिमाचल भारत का जीवनदायनी क्षेत्र है इसको बचाने के लिए गंभीरता के साथ विचार करना चाहिए उन्होंने कहा कि हिमालय को कैसे बचाया जाए इस पर विचार करना चाहिए और जल स्रोतों को कैसे बचाया जाए इस पर विचार करना चाहिए पर्यावरण को कैसे सुरक्षित किया जाए इस पर विचार करना चाहिए और इस तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में देशभर के वैज्ञानिक शोध पत्रों के माध्यम से अपना अनुभव के साथ नोट्स तैयार कर सरकार को भेजना चाहिए जिसके अनुसार सरकार हिमालय को बचाने के लिए प्रयास कर सके।
अंतरराष्ट्रीय सेमिनार की मुख्य वक्ता आईआईटी मंडी कमांद की प्रोफेसर आरती ने कहा कि जीबी पंत इंस्टिट्यूट के द्वारा राष्ट्रीय स्तरीय सेमिनार में बतौर मुख्य वक्ता भाग लिया उन्होंने कहा कि हिमाचल प्रदेश में फॉरेस्ट फायर एक गंभीर समस्या है उन्होंने कहा कि जंगलों को बचाना बहुत जरूरी है ऐसे में जंगलों की आग से पर्यावरण को बहुत नुकसान हो रहा है उन्होंने कहा कि मैं इस दिशा में कुछ कार्य किया है जिसमें जंगलों के बेस्ट मटेरियल है उसे बेस से हम फ्यूल बना सकते हैं और इस कार्यशाला में मैंने उसका उदाहरण भी पेश किया है उन्होंने कहा कि जंगलों के बेस्ट मटेरियल से हम घरों में तंदूर जलाने के साथ-साथ बेस्ट मटेरियल से निकलने वाले फ्यूल को हम अन्य कई उपकरणों में उपयोग कर सकते हैं। उन्होंने कहा कि ऐसे में सरकार जंगल के बेस्ट मटेरियल से निकलने वाले फ्यूल से राजस्व भी प्राप्त कर सकते हैं उन्होंने कहा कि लाहौल स्पीति किन्नौर रोहडू अन्य क्षेत्र लोगों को भेज सकते हैं जिससे सरकार को आए भी प्राप्त होगी और जंगलों को जलने से भी रोका जा सकता है।
गोविंद बल्लभ पंत राष्ट्रीय हिमालय पर्यावरण संस्थान हिमाचल प्रदेश क्षेत्रीय केंद्र मौहल कुल्लू के प्रभारीप्रोफेसर डॉक्टर सुनील नौटियाल ने कहा कि तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय सेमिनार में कई विषयों पर चर्चा की जाएगी उन्होंने कहा कि हिमालय के जल तंत्र बंद तंत्र पर्यावरण जैव विविधता कृषि तंत्र पर्वतीय पारिस्थितिकी तंत्र की व्यवस्था इकोसिस्टम पर चर्चा की जा रही है उन्होंने कहा कि इस सेमिनार में 120 से अधिक प्रतिभागिक भाग ले रहे हैं और देश भर के सभी राज्यों से प्रतिभागी भाग ले रहे हैं उन्होंने कहा कि इसके अलावा अंतरराष्ट्रीय स्तर कई देश जिसमें जापान ऑस्ट्रेलिया अमेरिका स्पेन इसराइल जापान से भी विभागीय ऑफलाइन और ऑनलाइन संवाद करेंगे। उन्होंने कहा कि इस कार्यशाला में विचारों का आदान-प्रदान प्रकृति जैव विविधता पर्यावरण संरक्षण के लिए चर्चा की जाएगी इसके बाद एक डॉक्यूमेंट तैयार किया जाएगा जिसको राज्यपाल महोदय प्रदेश सरकार और केंद्र सरकार को भेजा जाएगा