1600 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली ब्यास नदी चैनेलाईजेशन योजना को धरातल पर उतारने हेतु डीपीआर तैयार करने को विभाग को दिए निर्देश -गोविंद सिंह ठाकुर
मनाली विकासात्मक प्लान को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में एसडीएम कार्यालय के सभागार में बैठक आयोजित
मनाली विकासात्मक प्लान को लेकर शिक्षा मंत्री गोविंद ठाकुर की अध्यक्षता में एसडीएम कार्यालय के सभागार में बैठक आयोजित
कुल्लू 08 फरवरी। मनाली शहर के विकासात्मक प्लान को लेकर आज मनाली स्थित एसडीएम कार्यालय के सभागार में बैठक का आयोजन किया गया। बैठक की अध्यक्षता शिक्षा, भाषा कला एवं संस्कृति मंत्री गोविंद सिंह ठाकुर ने की। उन्होंने कहा कि अमृत योजना के तहत कुल्लू वैली के लिए विकास योजना बनाई जा रही है। इस विकास योजना को 2041 तक ध्यान में रखकर बनाया गया है। कार्यशाला में इस परियोजना से सम्बंधित लोगों की प्रतिक्रिया तथा सुझावों को प्राप्त किया गया।
उन्होंने टीसीपी के अधिकारियों से कहा कि कुल्लू वैली की विकास योजना में टूरिज्म को ध्यान में रखते हुए इसमें अनछुए क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए ताकि इन क्षेत्रों में भी पर्यटन को बढ़ावा मिल सके। इसमें नगर की ग्राम पंचायत उम्सू तथा सभी ऊपरी क्षेत्रों को भी शामिल किया जाए।
शिक्षा मंत्री ने कहा कि इस डिवलपमैंट प्लान में सभी पंचायत प्रतिनिधियों की सक्रिय भूमिका सुनिश्चित होनी चाहिए ताकि वह अपने सुझाव तथा प्रतिक्रियाएं विभाग के समक्ष रख सकें और एक अच्छा मास्टर प्लान इसके लिए बनाया जा सके। इस विकास योजना से सम्बंधित सभी लोगों को अपने सुझाव 20 दिन के भीतर देने को कहा गया। कुल्लू के आस-पास के क्षेत्रों के लोग एसडीएम कार्यालय कुल्लू तथा तथा मनाली के आस-पास के क्षेत्रों के लोग एसडीएम कार्यालय मनाली में अपने सुझाव प्रस्तुत कर सकते हैं।
इसी संदर्भ में शिक्षा मंत्री ने सभी अवैध भवनों का विवरण उपलब्ध करवाने के निर्देश विभाग को दिए। उन्होंने ब्रांण, शलीन के आस-पास के क्षेत्रों को भी नए पर्यटन गंतव्यों में जोड़न के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि स्याल, नसोगी में पानी की समस्या को शीघ्र विभाग दूर करे। मनाली शहर के लिए 83 करोड़ रूपए की मल निकासी योजना का कार्य अंतिम चरण में है तथा इसके प्रथम चरण का कार्य जल्द टैंडर प्रकिया को अपनाकर शुरू किया जाएगा। उन्होंने जल शक्ति विभाग को पतलीकूहल, कटराईं तथा नग्गर में प्रस्तावित मल निकासी योजना को शीघ्र अंतिम रूप देने को कहा ताकि इस कार्य को भी शीघ्र शुरू किया जा सके। इसी प्रकार लगभग 1600 करोड़ रूपए की लागत से बनने वाली ब्यास नदी चैनेलाईजेशन योजना को धरातल पर उतारने हेतु डीपीआर तैयार करने को विभाग को निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि चैनेलाईजेशन के इस कार्य के पूर्ण होने के बाद कुल्लू वैली विकास योजना के लिए काफी जमीन उपलब्ध होगी। ईसलिए इस कार्य को प्राथमिकता प्रदान कर जल शक्ति विभाग तथा टीसीपी विभाग मिलकर आगे बढ़ाएं।
शिक्षा मंत्री ने कुल्लू वैली डिवलपमैंट योजना में सभी पंचायत प्रतिनिधियों की भागीदारी सुनिश्चित करने के निर्देश दिए तथा उनके द्वारा दिए गए सुझावों को इस मास्टर प्लान में संशोधन द्वारा सम्मिलित करने को कहा। उन्होंने कहा कि मनाली के अस्पताल की क्षमता को बढ़ाकर 100 बिस्तरों का किया जा चुका है। इसी प्रकार से से अस्पताले के भवन के विस्तारीकरण हेतु जमीन की समस्या को भी सुलझा कर 7 बीघा जमीन को स्वास्थ्य विभाग के नाम कर दिया गया है। इसमें आने वाले समय में मनाली विधानसभा क्षेत्र के लोगों को बेहतर स्वास्थ्य सुविधा घर-द्वार पर मुहैया होगी।
उन्होंने सभी लोगों से आग्रह किया कि आने वाली पीढ़ी को नियेजित मास्टर प्लान देने हेतु सभी अपनी सहभागिता सुनिश्चित कर अपनी प्रतिक्रियाएं व सुझाव विभाग के समक्ष प्रस्तुत करें। उन्होंने कहा कि 11 फरवरी को अटल बिहारी वाजपेयी माउंनटेयरिंग संस्थान के सभागार में बैठक आयोजित की जाएगी। इसमें सभी ऐरोस्पोर्टस, वाटर स्पोर्टस, एडवेंचर स्पोर्टस संघों से जुड़े सभी प्रतिनिधि अपनी उपस्थिति सुनिश्चित करें ताकि उनकी समस्याओं के निराकरण हेतु उचित कदम उठाए जा सकें।
भाजपा प्रदेश उपाध्यक्ष धनेश्वरी ठाकुर ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि टीसीपी नियमों से पहले बने हुए भवनों को वास्तविक प्रयोग करने हेतु स्वीकृत करने के लिए टीसीपी के मास्टर प्लान में प्रावधान किया जाए।
इस अवसर पर रसिक शर्मा ने जानकारी देते हुए कहा कि नए टीसीपी नियमों के तहत कुल्लू वैली मास्टर प्लान में आवासीय भवन भूमि पर भवन निर्माण हेतु 21 मीटर की अधिकतम छूट रहेगी। वर्तमान में यह 18.5 मीटर है। इस प्रकार व्यावसायिक भवनों के लिए एक मंजिल पार्किंग रखना आवश्यक होगा। इसी प्रकार से पार्किंग फलोर में एक वाहन कक्ष तथा एक रिसेप्शन कक्ष बनाने की छूट रहेगी। उन्होंने बताया कि होम स्टे की रजिस्ट्रेशन के लिए किसी प्रकार की पार्किंग एरिया की जरूरत नहीं होगी।
कार्यशाला में उपस्थित ग्राम पंचायत गोजरा के प्रधान हुक्म राम ने अपने सुझाव देते हुए कहा कि टीसीपी के अंदर बड़ी परियोजनाओं की जगह छोटी-छाटी मल निकासी परियोजनाओं को शामिल किया जाए ताकि बाढ़ व प्राकृतिक आपदाओं के समय इन परियोजना को कम से कम नुक्सान हो। इस सुझाव को लेकर टीसीपी के अधिकारी ने कहा कि वह परियोजना को अंतिम रूप देने से पहले उनके सुझाव के हर पहलू पर विस्तार से विचार करेंगे।
बैठक में नगर परिषद मनाली के अध्यक्ष चमन कपूर, उपाध्यक्ष मनोज लारजे, एसडीएम सुरेन्द्र ठाकुर, मनाली होटलियर्ज संघ के प्रधान मुकेश ठाकुर, नगर एवं ग्रामीण योजनाकार रसिक शर्मा तथा मनाली के आस-पास के क्षेत्रों के 16 पंचायतों के जन प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।