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भारत रत्न भीम राव अंबेदकर ने समाज को दिए 3 मूल मंत्र संगठित रहो, शिक्षित बनी संघर्ष करों-दुनी चंद भारती
कहा- संविधान निर्मािता डाक्टर भीम राव अंबेडकर के पास 32 डिग्रिया और 9 भाषाओं का ज्ञान था
भारतीय दलित साहित्य अकादमी ने समाज में बेहतर कार्य करने बालो को किया सम्मानित
न्यूज मिशन
कुल्लू
पूरे देश में भारत रत्न डाक्टर भीम राव अंबेदकर जयंती हर्षो ल्लास के साथ मनाई जा रही है। देवभूमि कुल्लू में भी भारतीय दलित साहित्य अकादमी के द्वारा डाक्टर भीम राव अंबेदकर की 132 वी जयंती धूमधाम के साथ मनाई गई। इस मौके पर भारतीय दलित साहित्य अकादमी के अध्यक्ष दुनी चंद भारती की अध्यक्षता में रविदास सभा और बाल्मिकी सभा लंका बेकर के पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं ने भाग लिया।इस मौके पर उपस्थित लोगों ने डाक्टर भीम राव अंबेडकर की स्टैच्यू पर फूलमालाए अर्पित कर याद किया गया।
-दुनी चंद भारती भारतीय दलित साहित्य अकादमी जिला कुल्लू के अध्यक्ष दुनी चंद भारती ने कहाकि पूरे राष्ट्र में भारत रत्न सविंधान निर्माता डाक्टर भीम राव अंबेदकर की 132 वीं जयंती धूमधाम से मनाई जा रही है।उन्होंने कहाकि डाक्टर भीम राव अंबेडकर के पास 32 डिग्रियां और 9 भाषाओं का ज्ञान था।डाक्टर भीम राव अंबेडकर भारत बर्ष के पहले कानून मंत्री रहे थे और 1947 से लेकर 1951 तक कानून मंत्री के रूप में अपनी सराहनीय सेवाए दी है।उन्होंने कहाकि डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने दलितों के उत्थान और महिला सशक्तिकरण के समाज में छूआछूत मिटाने के लिए महत्वपूर्ण योगदान रहा है।उन्होंने कहाकि डाक्टर भीम राव अंबेडकर ने समाज को 3 मूल मंत्र दिए संगठित रहों शिक्षित बनो और संघर्ष करों का संदेश दिया।उन्होंने कहाकि भारतीय दलित साहित्य अकादमी के द्वारा कुल्लू जिला में दलितो ंके उत्थान के लिए कई कार्य्रक्रम चलाए जा रहे है जिसमें गरीबी रेखा से नीचे रहने बाले गरीब छात्रों की पढ़ाई के लिए प्रोत्साहन व महिलाओं के उत्थान के लिए कार्य किए जा रहे है।उन्होने कहाकि इस मौके पर समाज में बेहतर कार्य के लिए कई लोगों को संमानित किया।