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चंबा की 70 वर्षीय दयाबंती चंबा का रुमाल धरोहर बचाने के लिए 50 वर्षों से कर रहीं कार्य

दयाबंती को सरकार से सम्मान न् मिलने का मलाल

सैकड़ो महिलाओं को सिखाई चंबा रुमाल बनाने की हस्तशिल्प कला

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चंबा का रुमाल राष्ट्रीय धरोहर का भाषणों में करते है ज़िक्र

न्यूज मिशन

कुल्लू
प्रदेश सरकार के द्वारा हथकरघा हस्तशिल्प कारोबार से जुड़े कारोबारियों को प्रोत्साहन देने के लिए लगातार प्रयास किए जा रहे हैं ऐसे में सरकार के द्वारा उत्कृष्ट कार्य करने वाले हथकरघा हस्तशिल्प कारोबारियों को सम्मानित भी किया जा रहा है। चंबा की 70 वर्षीय दयावंती पिछले 50 वर्षों से चंबा की धरोहर चंबा रुमाल को संरक्षण के लिए प्रयास कर रही है। लेकिन दयावंती को सरकार की तरफ से सम्मान ना मिलने का मलाल है ऐसे में दयावंती को सरकार की तरफ से जरूर बचाने के लिए सम्मान मिलने की आस लगाई है। 70 वर्षीय दयावंती ने अपने जीवन में 50 वर्षों से चंबा की धरोहर चंबा रुमाल बनाने की कला को जिंदा रखने के लिए सराहनीय योगदान दिया है जिसके लिए सरकार की तरफ से हस्तशिल्प कारीगर दयावंती को सम्मान मिलना चाहिए। दयावंती समाज के लिए प्रेरणा स्त्रोत है ऐसे में 70 वर्ष में भी धरोहर को बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही है। कुल्लू जिला मुख्यालय ऐतिहासिक ढालपुर मैदान के गांधी शिल्प बाजार स्टॉल लगाकर चंबा की धरोहर चंबा रुमाल के प्रचार प्रसार के साथ बिक्री कर अपनी आजीविका चला रही है। गांधी शिल्प बाजार में लोग दयावंती के द्वारा सुई धागा से तैयार चंबा रुमल की खरीदारी कर रहे हैं।और हस्तशिल्प कारीगर की आर्थिकी सुदृढ़ कर रहे हैं।  हस्तशिल्प कारीगर दयावंती ने कहा कि पिछले 50 वर्षों से चंबा की धरोहर चंबा रुमाल सुई धागे से विभिन्न प्रकार की कलाकृतियां तैयार कर रही हूं। उन्होंने कहा कि 1974 में चंबा रुमाल बनाने की हस्तशिल्प कला सीखी थी उसके बाद से लगातार चंबा रुमल बनाने का कार्य कर रही हूं उन्होंने कहा कि मैंने अब तक सैकड़ों महिलाओं को चंबा रुमाल हस्तशिल्प कला बनाना सिखाया है उन्होंने कहा कि चंबा का रुमाल विश्व प्रसिद्ध है। मैं 50 वर्षों से चंबा की धरोहर बचाने के लिए लगातार प्रयास कर रही हूं। उन्होंने कहा कि मुझे आज तक सरकार की तरफ से सम्मान नहीं मिला है इसका ममाल है। उन्होंने कहा कि चंबा रुमाल 100 से लेकर 50 हजार तक का तैयार होता हैं।और मेरे पास 30 हजार तक चंबा रुमाल तैयार किए है।उन्होंने कहा चंबा रुमाल में शिकार मंडल ,रास मंडल ,गद्दी गद्दण और शहीद भगत सिंह राष्ट्र ध्वज के साथ प्रतिमा तैयार की जाती है जिसको लोग काफी पसंद करते है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चंबा रुमाल का जिक्र अपने भाषणों में करते रहते हैं ऐसे में सरकार की तरफ से प्रोत्साहन मिलेगा तो आगे भी इस को बचाने के लिए प्रयास करूंगी।

 

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